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MACT मोटर एक्सीडेंट केस में मुआवजा

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MACT मोटर एक्सीडेंट केस में मुआवजा MACT मोटर एक्सीडेंट केस में मुआवजा सिर्फ उस व्‍यक्ति को मिल सकता है जिसकी एक्सीडेंट किसी व्‍हीकल से हुई है वह व्‍हीकल मोटर व्‍हीकल एक्‍ट के अतंर्गत रजिस्‍टर्ड हो मतलब की उसका नंबर हो। इसमें कोई साईकिल या बैटरी से चलने वाले अन - रजिस्‍टर्ड व्‍हीकल नही आते है। MACT मोटर एक्सीडेंट केस में मुआवजा लेना कोई मुशकिल काम नही है अब कोर्ट ने इसका प्रोसीजर बहुत आसान बना दिया है। 1.       एक्सीडेंट ग्रस्‍त व्‍यक्ति के अधिकार - एक्सीडेंट ग्रस्‍त व्‍यक्ति कोर्ट में केस डाल कर कोर्ट से मुआवजा ले सकता है। तथा दोषी को सजा करवा सकता है। 2.       एक्सीडेंट में मुत्‍यु होने पर अधिकार एक्सीडेंट ग्रस्‍त व्‍यक्ति की मुत्‍यु होने की दशा में उसके परिजन वाले (Legal heirs)  कोर्ट में केस डाल कर कोर्ट से मुआवजा ले सकते है Legal heirs   में उस व्‍यक्ति के माता-पिता पत्‍नी/पति , बच्‍चे तथा इनके न होने पर भाई-बहन शामिल है। 3.       एक्सीडेंट होन पर किससे सम्‍पर्क करें – सबसे पहले एक्सीडेंट ग्रस्‍त व्‍यक्ति को 100 नम्‍बर पर पुलिस को सूचित करना चाहिए तथ

अगर कभी आपकी गाड़ी से हो जाए टक्कर तो पैसे देने के बजाए करें ये काम (If you ever get hit by a car, do this instead of paying money)

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अगर कभी आपकी गाड़ी से हो जाए टक्कर तो पैसे देने के बजाए करें ये काम (If you ever get hit by a car, do this instead of paying money ) कई बार हम अपनी कार या कोई दूसरा वाहन लेकर कहीं जा रहे हैं तो दूसरे वाहन से टक्कर हो जाती है , इससे दूसरे वाहन में नुकसान पहुंचता या कार में स्क्रैच आ जाता है या कोई घायल हो जाता है तो ऐसी स्थिति में अक्सर दूसरे वाहन का मालिक पैसों की डिमांड करता है और क्षतिपूर्ति के नाम पर ठीक ठाक रकम ले लेता है. हममें से कोई भी इस स्थिति में फंस सकता है , लेकिन जब भी ऐसा हो तो ये अच्छी तरह समझ लें कि अगर दूसरा वाहन मालिक आपसे रकम की डिमांड करे तो उसे कोई पैसा देने की जरूरत ही नही है   ऐसी स्थिति में आप कतई मत घबराएं. अगर आपके वाहन का इंश्योरेंस है तो आपको स्पॉट पर कोई समझौता नहीं करना चाहिए. कुछ तय प्रक्रियाओं का पालन करना चाहिए या दूसरी पार्टी को पुलिस के पास चलने को कहना चाहिए. ऐसी स्थिति में आप पर कोई लायबिलिटी नहीं आएगी. अगर आपका वाहन इंश्योर्ड है तो क्षतिपूर्ति का जिम्मा आपकी इंश्‍योरेस कंपनी का हो जाता हैं इंश्योरेंस कंपनियां इसके लिए कुछ शर

चेक बाउंस होने पर क्या करें: जानिए पूरी कानूनी प्रक्रिया अंतर्गत एन0आई एक्‍ट 138

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चेक बाउंस होने पर क्या करें: जानिए पूरी कानूनी प्रक्रिया अंतर्गत एन0आई एक्‍ट 138 विरूद्ध कानूनी तौर पर मुकदमा दर्ज कराने का अधिकार प्रदान किया गया है। चेक अस्वीकृत होने से संबंधित मामलों की जांच परक्राम्य लिखत अधिनियम ( The Negotiable Instruments Act), 1881  के अंतर्गत की जाती है l  इस अधिनियम की धारा  138  के अनुसार चेक का अस्वीकृत होना एक दंडनीय अपराध है और इसके लिए दो साल का कारावास या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं l चेक एक परक्राम्य लिखत या दस्तावेज ( Negotiable Instrument)  है ,  जिसके तहत बिना किसी शर्त के एक निश्चित धनराशि का भुगतान करने का वादा किया जाता है या आदेश दिया जाता है l   रेखांकित चेक ( Crossed Cheque)  और खाता से भुगतान होने वाले चेक ( Account Payee Cheque)  द्वारा केवल उसी व्यक्ति को धनराशि का भुगतान किया जाता है ,  जिसका नाम प्राप्तकर्ता के रूप में चेक पर लिखा रहता है l  ऐसे चेक को प्राप्तकर्ता के बैंक खाते में जमा करना पड़ता है l कानूनी रूप से चेक के मालिक को  “ चेक काटने वाला ”  या  “ चेकदाता ”  या  “ चेक जारीकर्ता ” (Drawer)  कहा जाता है ,  ज